Thursday, April 26, 2012

घरेलु हिंसा और टोल फ्री नंबर

पिछले दिनों खबर आई, कि अब घरेलु हिंसा की शिकार महिलाये सीधे टोल फ्री नंबर पर घर बैठे अपनी शिकायत दर्ज करा सकती है । सरकार का यह कदम निसंदेह स्वागतेय है, इससे काफी हद तक नारी पर हो रहे अत्याचारों से मुक्ति मिल सकेगी । 


पर इसका एक दूसरा पक्ष यह है भी बहुतेरे मामलो में यह देखा गया है कि कुछ महिलाए इसका बेजा इस्तेमाल भी करती है और ससुराल पक्ष को परेशान करने में इसका एक शस्त्र के सामान उपयोग करती है । पुलिस भी ऐसे मामलो की पूरी छानबीन किये बिना पुरुष पक्ष को आनन फानन में हवालात में डाल कर उन्हें और परेशान करती है । कोर्ट में जबतक पीड़ित पक्ष अपना साबित करे तब तक काफी समय गुजर चुका होता है, और लगभग 
बर्बादी के कगार पर आ खड़ा होता है । दुखद बात की कानून भी ज्यादातर महिलाओ को ध्यान में रखकर बनाये गए है । जैसे सारा कसूर सिर्फ पुरुषो का ही होता हो । 


ऐसे घरेलू हिंसा कि शिकार सिर्फ महिलाये होती है ऐसा नहीं, बड़ी तादात में आजकल पुरुष भी इसका शिकार हो रहे । फिर चाहे वह शारीरिक हो या फिर मानसिक प्रतारणा । उलेखनीय बात यह है, इस हिंसा के शिकार निचले तबके से लेकर ऊँचे तबके के लोग शामिल है । जैसे आई ए एस , आई पी एस और शासन के उच्च अधिकारी भी रहते है । 


अंततः, क्या  ही अच्छा हो की पुरुष को भी इस प्रकार की सुविधाए ( टोल फ्री नंबर ) मिले, या कम से कम उन पर कार्यवाही करने के पहले उनका भी पक्ष ठीक प्रकार से सुना जाये ।


इस विचारौतेजक बहस में आप सभी का स्वागत है. अपनी टिपण्णी से अवगत कराये ।।।।


- सूर्या 

2 comments:

  1. धन्यवाद, मेरे द्वारा उठाये गए एक गंभीर और चिंतनीय विषय पर, आप जैसी सुधि पाठक की प्रतिक्रिया प्राप्त हुई । विश्वास दिलाता हूँ, सामयिक विषयों पर ऐसी अनेक ज्वलंत समस्याओ पर ब्लॉग लिखता रहूँगा और इस पर आपका ध्यान चाहता रहूँगा ।

    शुभेच्छु,
    सूर्या

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