Monday, April 30, 2012

देश की सुरक्षा को खतरा

आज की बात : ताजा खबरों के अनुसार देश की सुरक्षा को एक गंभीर खतरा है, कुछ दिनों पहले ने सेना प्रमुख श्री सिंह ने इस बाबत प्रधानमंत्री को एक गोपनीय चिठ्ठी द्वारा अवगत कराया था । श्री सिंह के इस आशंका पर संसदीय समिति ने भी मुहर लगते पूर्ण ब्यौरा दिया है । पूरी खबर के लिए नीचे लिंक तो क्लिक करे 




बहरहाल, चिंतनीय यक्ष प्रश्न यह है, कि इतने भारी भरकम रक्षा बजट के बावजूद, हथियारों के खरीद फ़रोख्त में इतनी कोताही क्यों बरती गयी । आखिर जनता के गाढ़ी कमाई से वसूले गए टैक्स और राजस्व कहा गए । क्यों भोली भाली जनता के सुरक्षा के खिलवाड़ किया जा रहा है । क्या हमारी कमाई नेताओ के विदेशी यात्राओ, सुख सुविधाओ और भत्ते के लिए है । शर्मनाक बात यह भी है कि , आज किसी भी सेना प्रमुख ने यह बात सामने नहीं लायी । और न ही रक्षा मंत्रालय ने ही देश कि सुरक्षा के तैयारी कि समय समय पर अवलोकन किया । बड़े शर्म कि बात है कि सभी राजनितिक दल ऐसे गंभीर मसले पर ध्यान नहीं दिया और टुच्ची तंग खिचाई राजनीति पर उलझे हुए है । 

भगवान ही मालिक है अब तो इस देश का । 




Thursday, April 26, 2012

घरेलु हिंसा और टोल फ्री नंबर

पिछले दिनों खबर आई, कि अब घरेलु हिंसा की शिकार महिलाये सीधे टोल फ्री नंबर पर घर बैठे अपनी शिकायत दर्ज करा सकती है । सरकार का यह कदम निसंदेह स्वागतेय है, इससे काफी हद तक नारी पर हो रहे अत्याचारों से मुक्ति मिल सकेगी । 


पर इसका एक दूसरा पक्ष यह है भी बहुतेरे मामलो में यह देखा गया है कि कुछ महिलाए इसका बेजा इस्तेमाल भी करती है और ससुराल पक्ष को परेशान करने में इसका एक शस्त्र के सामान उपयोग करती है । पुलिस भी ऐसे मामलो की पूरी छानबीन किये बिना पुरुष पक्ष को आनन फानन में हवालात में डाल कर उन्हें और परेशान करती है । कोर्ट में जबतक पीड़ित पक्ष अपना साबित करे तब तक काफी समय गुजर चुका होता है, और लगभग 
बर्बादी के कगार पर आ खड़ा होता है । दुखद बात की कानून भी ज्यादातर महिलाओ को ध्यान में रखकर बनाये गए है । जैसे सारा कसूर सिर्फ पुरुषो का ही होता हो । 


ऐसे घरेलू हिंसा कि शिकार सिर्फ महिलाये होती है ऐसा नहीं, बड़ी तादात में आजकल पुरुष भी इसका शिकार हो रहे । फिर चाहे वह शारीरिक हो या फिर मानसिक प्रतारणा । उलेखनीय बात यह है, इस हिंसा के शिकार निचले तबके से लेकर ऊँचे तबके के लोग शामिल है । जैसे आई ए एस , आई पी एस और शासन के उच्च अधिकारी भी रहते है । 


अंततः, क्या  ही अच्छा हो की पुरुष को भी इस प्रकार की सुविधाए ( टोल फ्री नंबर ) मिले, या कम से कम उन पर कार्यवाही करने के पहले उनका भी पक्ष ठीक प्रकार से सुना जाये ।


इस विचारौतेजक बहस में आप सभी का स्वागत है. अपनी टिपण्णी से अवगत कराये ।।।।


- सूर्या 

Wednesday, April 25, 2012

क्या कहू !! अपनी पहचान की अनवरत तलाश जारी है ! बचपन से पढने और लिखने का शौक रहा, पढ़ने का सिलसिला तो फिर भी जारी है, पर लिखने के मामले में कुछ पूर्वाग्रह से ग्रस्त रहा ! बनना कुछ और चाहता था पर बन कुछ और गया, इसीलिए लेखन में कभी हाथ नहीं आजमाया ! 

इन्टरनेट ने हम जैसे लोगो को भी अपनी भाव अभिव्यक्ति और अंतर्मन कि बातो को आप जैसे बुद्धिजीवी लोगो के सामने रखने का अवसर दिया है, तो सोचा कि  चलो इसी बहाने अपने पहचान को पुनर्परिभाषित किया जाये और अपने दबी इछाओ को और दमित न किया जाये, सो जनाब शुरू हो गए !!!!

बस आप सभी का आशीर्वाद और प्रोत्साहन चाहिए !!

शुभेच्छु 

सूर्या
कलेक्टर मेनन की रिहाई : उम्मीद की किरण

आज की बात : बड़े उहापोह की स्थिति के बाद एक उम्मीद की किरण नज़र आ रही है, ज्ञातव्य हो कि, 
आज दोनों पक्षों के वार्ताकारो के बीच रायपुर में बैठक होगी, जिसमे नक्सली मांगो के सन्दर्भ कोई निर्णय हो  
जाये ! पर इन सब के बीच बुद्धदेव शर्मा जी जैसे बुद्धिजीवी के द्वारा नक्सलीयो कि तरफदारी, वस्तुस्थिति से परे नज़र आता है, और पचाने लायक भी नहीं ! व्यवस्था के प्रति नाराज़गी तो समझ आती है, पर उसे व्यक्त करने का यह तालिबानी तरीका तो बिलकुल भी समझ के बहार है ! आखिर जिन भोले आदिवासीयो के हक़ कि तथाकथित लड़ाई वो लड़ रहे है, तो फिर उन्ही मासूम की हत्या ! तो फिर शासन और और उनके तौर तरीके में क्या फर्क !
चलिए, यह तो एक बड़ा बहस का मुद्दा है, फिलहाल तो मेनन साहब की रिहाई की उम्मीद करे !! फिर बहस को आगे बढाएंगे !!

शुभेच्छु

सूर्या

Ritemail: Do Tomatoes Grow On Trees ?

Ritemail: Do Tomatoes Grow On Trees ?: Tomato tree became a real find for those gardeners who love to experiment. This is a very unusual hybrid with great energy of growth, and i...

Tuesday, April 24, 2012

Shades of Life.

अजी जनाब जरा मुस्कारिये और Enjoy कीजिये इन खूबशुरत तस्वीरों को. 


सूर्या

मुस्कारिये

सभी दोस्तों  को सादर नमस्कार,

इस दौड़ती भागती जिंदगी और दुःख के पलो के बीच लीजिये पेश है, मुस्कराने और गुदगुदाने के लिए कुछ तस्वीरे. पसंद आने पर अपनी टिपण्णी जरूर प्रेषित कीजिये ताकि यू हि आपका दिल बहलाता रहूँ. 

मुस्कारिये


आपका ही 
सूर्या